भारतीय बौद्ध दर्शन सार सोसाइटी

चंद्रमणि बुद्धविहार की स्थापना वर्ष 1974 में बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोद्धिसत्व बाबा साहब व् भगवान् बुद्ध के उपासको द्वारा की गयी थी | वर्ष 1985 में उक्त सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन कराया गया | सोसाइटी द्वारा ” गौतम बुद्ध पाली विद्या पीठ ” नाम से जूनियर हाईस्कूल संचालित किया गया | यह स्कूल लगभग 10 वर्षो तक संचालित होता रहा | पुनः वर्ष 2005 में सिद्धार्थ शिशु शिक्षा विहार नाम से स्कूल संचालित किया गया | चंद्रमणि बुद्धविहार में स्थापना के बाद नियमित रूप से बौद्ध धार्मिक कार्य सम्पादित किये जाते रहें है प्रत्येक रविवार को प्रातः विशेष रूप से सामूहिक बुद्ध वंदना / धम्म देशना का कार्यक्रम नियमित रूप से किया जाता हैं | बौद्ध धम्म के सभी प्रमुख पर्व जैसे -14 अप्रैल , बुद्ध पूर्णिमा आषाढ़ी-पूर्णिमा ,विजय धम्म दिवस ,परिनिर्वाण दिवस आदि एवं सभी राष्ट्रीय पर्व हर्षौल्लास से आयोजित किये जाते हैं | जिनमे विशाल जन समूह उपस्थित होकर बुद्ध की वैज्ञानिक व् तार्किक शिक्षाओं को ग्रहण करता है | इन पर्वो पर विद्वान् भिक्षु व् विद्वान् वक्ताओं द्वारा धम्म देशना की जाती हैं | बच्चो व् महिलाओं की शिक्षा , संस्कार संवर्धन ,धार्मिक सुधारो ,स्वच्छता अभियान एवं कुरीतियां दूर करने पर विशेष बल दिया जाता हैं | सोसाइटी द्वारा जनकल्याणकारी कार्य जैसे – निशुल्क चिकित्सा शिविर , स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, भोजन दान, असहाय लोगो को फल ,वस्त्र एवं भोजन आदि का वितरण किया जाता है | सोसाइटी के पास पूर्व में बनाया गया ,बुद्ध-विहार एवं धम्मा हाल/विपश्यना केंद्र हैं | भव्य बुद्ध-विहार का पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर है | जिसके लिए आर्थिक सहयोग की अपेक्षा हैं | सोसाइटी के ३६० आजीवन सदस्य बन चुके है जिनके नाम पत्थर पर लिखे जा चुके हैं | सोसाइटी का भारतीय स्टेट बैंक शाखा डी० डी० पुरम ,बरेली में खाता हैं |